प्रदेश के सभी बीएसए से एसआईटी जांच रिपोर्ट के आधार पर फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई कर 27 जनवरी तक रिपोर्ट देने का आदेश
बस्ती।
जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों के पकड़े जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। परिषदीय विद्यालयों में फर्जी शिक्षकों की जांच के लिए 2018 में तत्कालीन प्रमुख सचिव प्रभात कुमार ने आदेश दिए थे। जिसमें प्रदेश के 2010 के बाद हुई बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति की जांच के लिए जिले स्तर पर कमेटी बनाने के लिए आदेशित किया गया था। एक महीने में रिपोर्ट भी मांगी गई थी।18 माह बीत जाने पर अब प्रमुख सचिव रेणुका कुमार ने नाराजगी जताते हुए सभी बीएसए से एसआईटी जांच रिपोर्ट के आधार पर फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई कर 27 जनवरी तक रिपोर्ट देने के लिए कहा है।" alt="" aria-hidden="true" />
जिले में अप्रैल में परिषदीय विद्यालयों के जांच के दौरान छह शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए थे। जिनमें प्राथमिक विद्यालय सेखुईया के सहायक अध्यापक अजीत सिंह, प्राथमिक विद्यालय मकदूमपुर के दीप सिंह, प्राथमिक विद्यालय तेनुआ के अमित कुमार, प्राथिमक विद्यालय ठाकुर के राकेश कुमार, प्राथामिक विद्यालय बढ़नी की लीलावती तथा प्राथमिक विद्यालय बैजलपुर के अनुराग यादव को नोटिस भेजा गया था। इस बाबत बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि एसआईटी जांच के आधार पर जांच में छह को बर्खास्त किया जा चुका है। कुछ शिक्षक और चिन्हित किए गए हैं। जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई कर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।बताया कि नाम व पिता का नाम, पैन कार्ड, मानव सम्पदा पोर्टल पर शिक्षक की आईडी, फर्जी प्रमाण पत्र की प्रति, सेव समाप्ति आदेश, उच्च न्यायालय से पारित स्थगन आदेश की कापी, और एफआईआर की प्रति समेत जांच रिपोर्ट भेजी जानी है।
इस बाबत बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि एसआईटी जांच के आधार पर जांच में छह को बर्खास्त किया जा चुका है। कुछ शिक्षक और चिन्हित किए गए हैं। जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई कर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
बताया कि नाम व पिता का नाम, पैन कार्ड, मानव सम्पदा पोर्टल पर शिक्षक की आईडी, फर्जी प्रमाण पत्र की प्रति, सेव समाप्ति आदेश, उच्च न्यायालय से पारित स्थगन आदेश की कापी, और एफआईआर की प्रति समेत जांच रिपोर्ट भेजी जानी है।